ग्रीनलैंड में इतिहास में पहली बार बर्फ की सबसे ऊंचे बिंदु पर बर्फ गिरने के बजाय बारिश होते दिखी है. पिछले हफ्ते बर्फ की चादर के 3 हजार से अधिक मीटर ऊंचे शिखर पर कई घंटों बारिश हुई है. वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की है कि बीते शनिवार को बर्फ के सबसे ऊंचे बिंदू पर कई घंटों लगातार बारिश हुई है.
नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के मुताबिक बीते 14 से 16 अगस्त में ग्रीनलैंड में 7 टन पानी गिरा है है. उनके अनुसार सन्न 1950 में डेटा इकठ्ठा किए जाने के बाद से बारिश की सबसे अधिक मात्रा है. बताया जा रहा है कि अधिकतर बारिश ग्रीनलैंड के दक्षिण-पूर्वी तट के समिट स्टेशन तक हुई है. वहीं, बारिश और उच्चतम तापमान के चलते बड़ी मात्रा में बर्फ पिघल गई है.
ग्लोबल वार्मिंग का संकेत है
डेनिश मौसम विज्ञान विभाग के एक शोधकर्ता मार्टिन स्टेंडल ने एएफपी को जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि ये ग्लोबल वार्मिंग का संकेत है. उन्होंने ये भी बताया कि पिछले 2 हजार सालों में केवल 9 बार तापमान इस स्तर पर पहुंचा है.
खतरे की घंटी
मार्टिन स्टेंडल ने बताया कि तीन बार ऐसा पिछले 10 सालों में देखने को मिला है. वहीं, पिछले दो बारी में बारिश दर्ज नहीं हुई थी. बता दें, शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये बारिश अच्छा संकेत नहीं देती. बर्फ पर पानी अच्छा नहीं होता. पानी का बर्फ पर होना उसे पिघलने की संभावना को और अधिक बढ़ाता है. उनके मुताबिक, इस बारिश को खतरे की घंटी के रूप में देखा जा सकता है.